सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है और इस महीने में हर कोई शिव भक्त भगवान शिव की खास तरीके से पूजा करते हैं. अगर आप इस महीने में शिवलिंग की स्थापना करते हैं तो आपको इन ख़ास बातों का ध्यान रखना होगा अन्यथा आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
जब भी घर में शिवलिंग की स्थापना हो तो आप इस दौरान दिशा की ओर मुख करके ही बैठें. भूलकर भी शिवलिंग के दक्षिण दिशा में बैठकर कभी पूजन न करें इसे अशुभ माना गया है. इस दौरान आप भगवान शंकर की पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें. शिवलिंग स्थापना के बाद आप शिवलिंग पर नियमित अभिषेक करें.
अगर आप ऐसा नियमित तौर पर करते है तो भगवान शिव आपको मनवांछित फल देंगे. जप के पूर्व शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए. शिव जी को बिल्वपत्र बेहद पसंद है. शिव की पूजा के दौरान शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें और इस मंत्र का जाप करें.
मंत्र : स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:,
स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु.
इसके बाद आप भगवान शिव को एक साथ पंचामृत स्नान कराएं. इस दौरान ही आप भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश व माता पार्वती का पूजन करें इससे आपके सारे दुःख दर्द का नाश हो जाता है.