Saturday , July 27 2024

किसका पेशाब मलते थे अपने सिर पर अनुपम खेर !

जब एक रिपोर्टर को कंटाप मारा था अनुपम ने

 अनुपम के करियर का शुरूआती दौर था. स्टारडस्ट मैगजीन के एक रिपोर्टर ने उनके बारे में ऊटपटांग बातें छाप दी थीं. मैगजीन में अनुपम के पापा के बारे में, अनुपम की परवरिश, उनके रहन-सहन वगैरह के बारे में बहुत हल्की बातें लिखी गई थीं. ज़ाहिर सी बात है. अनुपम को गुस्सा आ गया था. पुणे में एक प्रेस मीट के दौरान उन्होंने उस आर्टिकल को लिखने वाले जर्नलिस्ट को खींच कर एक कंटाप रसीद दिया था. बस. बवाल कट गया था. पूरी फिल्म इंडस्ट्री दो खेमों में बंट गई थी. आधे लोग अनुपम के विरोध में थे. उनका कहना था कि किसी पर भी हाथ उठाने का अनुपम को कोई हक नहीं था. लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग थे. जिन्होंने अनुपम को सपोर्ट किया था. कई बड़े और मशहूर एक्टर अनुपम को तार भेजकर बधाई दे रहे थे. उनके साथ खड़े थे. इनमें से एक थे देव आनंद. देव आनंद का कहना था कि ये मैगजीन वाले अपनी आज़ादी का बहुत गलत फायदा उठा रहे हैं. स्टार्स की वजह से मैगजीन चलती हैं. मैगजीन की वजह से एक्टर बड़े स्टार नहीं बनते.

अनुपम को भी एहसास जैसा कुछ हुआ होगा. थप्पड़ मारने के लिए उन्होंने माफ़ी मांगी थी. कहा था कि मैं शायद कुछ ज्यादा ही गुस्से में आ गया था. आइंदा ऐसा कभी नहीं करूंगा. लेकिन उस घटना के बाद अनुपम लोगों के बीच एक हीरो की तरह मशहूर हो गए थे. जिसको अपने लिए स्टैंड लेना आता था. उसका फायदा अनुपम को ये हुआ कि अब उनको अखबारों और मैगजीन के एडिटर मिलने के लिए बुलाने लगे. अनुपम के इंटरव्यू होने लगे. और अनुपम बड़ी हस्तियों के साथ बैठकर न्यूज़ और मैगजीन की आज़ादी पर बोलने और लिखने लगे.

 

ज्यादा गुस्सा करने से ही अनुपम का सिर गरम हो जाता होगा. बालों के लिए ये नुकसानदेह है.

 

 

हिंदी फिल्मों का हीरो कैसा होता है? खासकर 80 और 90 के दशक में कैसा होता था? अच्छी बॉडी. घने बाल. ताकत इतनी कि बल्ली सीने पर धर कर पूरी नाव पलट दे. ऐसे में कोई कह दे कि एक हीरो है, जिसके सिर पर बाल ही नहीं हैं. वो हीरो थोड़े होगा. कोई साइड एक्टर होगा. या फिर लेखक या असिस्टेंट डायरेक्टर जैसा कुछ.

 

लेकिन सर जी, फिल्मों का हीरो असल में है तो इंसान ही. इंसानों जैसी चीज़ें उसके साथ भी होंगी ही. दांत भी गिरेंगे. बाल भी झड़ेंगे. राकेश रोशन, डैनी, अमिताभ बच्चन. बाल झड़े, विग का सहारा ले लिया. लेकिन एक हैं अनुपम खेर. वो अपने गंजेपन को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट रहे हैं. अब लोग मानते हैं ‘बॉल्ड इज सेक्सी.’ जब अनुपम ने अपना करियर शुरू किया था. उनको कोई भी एक्टर तक के तौर पर नहीं देखता था. उम्र बस 26-27 थी. लेकिन बाल कम होने की वजह से हीरो वाले रोल नहीं मिलते थे. लेकिन नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से ट्रेन्ड ये एक्टर बहुत वर्सेटाइल निकला. 27 साल की उम्र में 70 साल के आदमी का कैरेक्टर भी निभाया. 40 साल की उम्र में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में शाहरुख़ के पापा का रोल किया.

अनुपम के बाल बहुत जल्दी चले गए थे. टेंशन तो होनी ही थी. आगे पूरा करियर पड़ा था. एक से एक तिब्बती जड़ी-बूटी अाजमाई. स्पेशल और पौष्टिक खाना खाने लगे. दही-अंडा मला. किसी ने कहा ऊंट का पेशाब सर में लगाने से बाल नहीं झड़ते. और नए बाल भी आ जाते हैं. तो अनुपम ने वो भी ट्राई किया. कुछ फर्क नहीं पड़ा. फिर अनुपम ने टेंशन लेना छोड़ दिया. माने गिरते हैं तो गिरे बाल. हम अपना काम करेंगे.

….

Aajtak

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com