मिली जानकारी के अनुसार आपस में भिड़े दोनों गुट नाथनगर के चंपा नगर और बाबू टोला के रहने वाले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक संगठन ने नाथनगर में एक जुलूस निकाला था। मेदनी नगर चौक पर पहुंचने के बाद जुलूस में आपत्तिजनक गाने बजाने पर दूसरे पक्ष के लोगों ने मना किया।
कुछ देर के बाद जुलूस आगे की ओर बढ़ गया। जुलूस के आगे जाते ही चंपा नगर और बाबू टोला के लोग एक-दूसरे से भिड़ गए। दोनों गुटों में पहले पत्थरबाजी हुई फिर उपद्रवियों ने गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले और बाइक में आग लगा दी। कई दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई है। फिलहाल पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हालांकि इलाके में अब भी तनाव बरकरार है।
हालांकि आईजी और डीआईजी भी मौके पर पहुंचे। एसएसपी ने हालात को काबू में बताया। जानकारी के अनुसार पथराव के दौरान दो पुलिस कर्मियों समेत करीब आधा दर्जन लोगों को चोटें आई हैं। भागलपुर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि ऐसा 1989 में पहले भी हो चुका है। इस दंगे में करीब एक हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाईं थी। यह विवाद 1989 के अंत में भागलपुर और आसपास के इलाकों में रामशिला पूजन पर विवाद के दौरान हुआ था। दंगो के गवाहों का कहना है कि वह इतना सुनियोजित था कि खेतों में लाशें गाड़ दी गईं थी। इसी कारण भागलपुर में में हुए ये दंगे सुर्खियों में हैं।