राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 93वें स्थापना दिवस समारोह में अयाध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवन ने जो बयान दिया, उससे बिहार की राजनीति गरमा गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ राज्य सरकार में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इससे किनारा कर लिया है। दूसरी ओर भाजपा भागवत के बयान के साथ खड़ी है।
भागवत ने कही ये बात
विदित हो कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 93वें स्थापना दिवस समारोह में मोहन भागवत ने कहा कि सरकार कानून बनाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण करे। कुछ लोग राजनीति की वजह से जानबूझकर मंदिर मामले को आगे खींचते जा रहे हैं। भागवत ने दोहराया कि रामजन्मभूमि पर राम मंदिर बनना चाहिए। यह हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं है, यह भारत का प्रतीक है और जिस भी रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, होना चाहिए।
जदयू ने साफ किया अपना स्टैंड
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण पर उनकी पार्टी का स्टैंड बिलकुल साफ है। उन्होंने कहा कि इस मसले का हल या तो दोनों समुदायों के धार्मिक प्रतिनिधि मिल-बैठकर हल निकालें, या फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य हो। जदयू को इसके अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं।
केसी त्यागी ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि सभी को अपनी राय रखने का अघिकार है। वे तो केवल अपनी पार्टी का स्टैंड स्पष्ट कर सकते हैं। त्यागी ने भले ही भागवत के बयान पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन जदयू का स्टैंड उनके बयान से इत्तफाक रखता नहीं दिखता।
भागवत के बयान के साथ भाजपा
इधर, भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा कि राम मंदिर करोड़ों हिन्दुओं से जुड़ा मामला है। भागवत ने सोच समझ कर बयान दिया होगा। यह आस्था का विषय है।