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लड़की के साथ ऐसी पुलिस दरिंदगी को जानकर चौंक जाएंगे आप, DIG बोले- होगी जांच

बयान में कितनी सच्‍चाई है, इसका फैसला तो अदालत को करना है, लेकिन अगर यह सही है तो बिहार पुलिस एक बार फिर कटघरे में है। मामला गया के पटवा टोली में नाबालिग की हत्या मामले में उसकी बहन व परिवार वालों को बिजली के झटके व अन्‍य यातनाएं देकर झूठा बयान दिलाने तथा हत्‍या व अपहरण मामले को ऑनर किलिंग का रूप देने का है। पुलिस दरिंदगी के इस आरोप में सच्‍चाई से इनकार करते हुए कहती है कि जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा। हालांकि, मामला के तूल पकड़ने पर अब मगध क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) विनय कुमार ने जांच व कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 

एसएसपी बोले: ऑनर किलिंग है यह मामला
विदित हो कि बीते 28 दिसंबर से गया के पटवा टोली से एक बुनकर की बेटी अंजना गायब हो गई थी, जिसका क्षत-विक्षत शव छह जनवरी को मिला था। गया के एसएसपी राजीव मिश्रा के अनुसार अंजना की हत्‍या उसके पिता ने उसके प्रेम संबंध के कारण करा दी थी। एसएसपी के अनुसार 28 दिसंबर को लापता हुई अंजना 31 दिसंबर को घर लौटी थी, लेकिन घरवालों ने उसे फिर उसी लड़के के साथ भेज दिया। बाद में उसकी लाश मिली। उनके अनुसार यह पूरी तरह ऑनर किलिंग का मामला है।
एसएसपी के अनुसार पटवा समाज पहले भी समाज के नियमों के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ फतवा जारी करता रहा है। इस बार अंजना के प्रेम संबंध को समाज ने बर्दाश्त नहीं किया। अंजना की ऑनर किलिंग इसी कारण हुई। एसएसपी ने इस दावे का आधार अंजना की बहन व मां के बयानों को बताया। उन्‍होंने बताया कि अंजना की मां और बहन के इकबालिया बयानों में इसका खुलासा हुआ है।

पुलिस पर टॉर्चर कर बयान दिलाने का आरोप
एसएसपी जा कहें, लाश मिलने के दिन से ही पुलिस थ्‍योरी पर सवाल उठते रहे हैं। इस बीच अंजना की बहन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसके अनुसार उसे टॉर्चर व जोर-जबरदस्ती करके झूठा बयान दिलाया। पुलिस ने उसे और उसके पिता को करंट लगा-लगाकर जबरन बयान दिलाया कि अंजना 28 दिसंबर को लापता होने के बाद 31 दिसंबर को घर लौटी थी तथा उसका प्रेम संबंध था। मृतका की बहन के अनुसार दबाव में आकर उसने पुलिस के कहे अनुसार झूठ बोला, अन्‍यथा पुलिस ने उसे पागल घोषित कर देने, करंट लगाने, फिर माता पिता को मारने की धमकी दी थी।

असली अपराधी पकड़ से बाहर
बहन के अनुसार अंजना की किसी से दोस्ती नहीं थी। वह कहीं अकेले भी नहीं जाती थी। पुलिस इस कांड में अपनी विफलता छिपाने के लिए उनके परिवार की जिंदगी खराब करने पर तुली है। यह अपहरण कर हत्‍या का मामला है, जिसे पुलिस ऑनर किलिंग साबित करने पर तुली है। इस बीच असली अपराधी पकड़ से बाहर हैं।

घटना की सीअीआइ जांच चाहता पटना समाज
घटना के बाद से पूरे पटवा समाज ने आंदोलन कर प्रशासन पर हत्यारों तक पहुंचने के लिए दबाव बनाया। हजारों की संख्या में लोगों ने मौन जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। पुलिस की कार्यप्रणाली से खफा लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। उन्‍होंने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है।

पुलिस थ्‍योरी पर उठ रहे सवाल
पुलिस की ऑनर किलिंग की थ्‍योरी के खिलाफ कई सवाल खड़े हो गए हैं। जैसे, अगर यह ऑनर किलिंग है तो हत्‍या में प्रयुक्‍त हथियार कहां हैं? हत्‍या कहा की गई, यह भी अभी तक नहीं पता चला है। पुलिस की बात सही मानें तो वह हत्‍यारे (पिता) तक पहुंच चुकी है। ऐसे में हत्‍या में प्रयुक्‍त हथियार का नहीं मिलना तथा घटनास्‍थल का पता पहीं चलना सवाल बनकर खड़े हैं।

डीआइजी बोले: बढ़ाया जा रहा जांच का दायरा
अब डीआइजी विनय कुमार ने भी माना है कि ऑनर किलिंग टर्म में उनका विश्वास नहीं है। वे सभी बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।

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