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ससुराल के नाम पर लड़कियों को कई नसीहतें दी जाती हैं और इससे भी ज्‍यादा खौफ सास का फैलाया जाता है.

 दादी-नानी, मां, चाची, बुआ से लेकर आस-पड़ोस की औरतों तक लगभग हर औरत अपने किस्‍से सुनाकर लड़की को सुसराल के लिए तैयार कर ही देती है. अब इस लिस्‍ट में नेताओं का नाम भी जुड़ने लगा है. मध्‍य प्रदेश की एक विवादास्‍पद बयान देकर खबरों में आ गई हैं. मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ के कस्तूरबा गर्ल्‍स हॉस्‍टल  में छात्राओं से बात करते हुए आनंदीबेन ने कहा कि लड़कियों को खाना बनाना सीखना चाहिए नहीं तो सुसराल जाकर सबसे पहले लड़ाई सास से होती है. ससुराल के नाम पर लड़कियों को कई नसीहतें दी जाती हैं और इससे भी ज्‍यादा खौफ सास का फैलाया जाता है.

‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ’‍ ‍का नारा लगाने वाली बीजेपी सरकार की नेता का ये बयान खबरों में छाया हुआ. गर्ल्‍स हॉस्‍टल में आनंदीबेन ने कहा बेटियों को पढ़ने-लिखने के साथ ही रसोई के कामों में भी दक्ष होना चाहिए नहीं तो  लड़कियां जब ससुराल जाएंगी तो दाल ना बना पाने पर सास से उनकी लड़ाई होगी. इतना ही नहीं आनंदीबेन ने लड़कियों को हिदायत देते हुए कहा कि छात्राओं को बाल छोटे नहीं कराने चाहि‍ए क्‍योंकि बाल महिलाओं की शान होते हैं. 

छात्रावास की लड़कियों से राज्यपाल ने कहा कि पढ़ने लिखने के साथ खाना बनाना भी आना चाहिए. दाल बनाना, सब्जी काटना, आटा गूंदना नहीं आया तो ससुराल में झगड़े होंगे. इस समस्‍या से बचने के लिए छात्राओं को समूह बनाकर हॉस्टल में खाना बनाना चाहिए. 

बता दें कि राज्यपाल आनंदी बेन जिला अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर का लोकार्पण करने पहुंची थीं. प्रोटोकॉल तोड़कर राज्यपाल बच्चों के वार्ड में पहुंची, वहां कोई जवाबदार नहीं मिलने पर नाराज भी हुईं. छात्राओं से बात करने के दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम पूछे और छात्राओं के साथ हंसी-मजाक भी किया.

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