कन्हैया ने कहा, ‘(हो सकता है कि नरेंद्र मोदी से) तमाम मतभेद हों, इसके बावजूद मोदी ट्रंप से बेहतर हैं। दुनियाभर में अधिनायकवादी भावना बढ़ी है और अगर आप देखें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल हुई है, प्रवासियों और महिलाओं के खिलाफ अभूतपूर्व बयान दिए गए’।
आपको बता दें कि कन्हैया कुमार पर इसी साल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित तौर पर ‘राष्ट्रविरोधी’ नारेबाजी के मामले में देशद्रोह का आरोप लगा था। छात्र नेता ने महान अफ्रीकी-अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग को उद्धृत करते हुए कहा, ‘बुरे लोग इसलिए नहीं चिल्लाते कि वे शक्तिशाली हैं, बल्कि अच्छे लोगों के खामोश रहने से ऐसा होता है।’
जेएनयू से लापता हुए छात्र नजीब अहमद के बारे में बोलते हुए कन्हैया ने कहा, ‘हकीकत यह है कि सरकार कुछ नहीं कर रही है, बल्कि मुद्दे को भटका रही है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां कोई मजबूत विपक्ष नहीं है जो इस इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग सके।’