Wednesday , October 23 2024

बारां में 10 सालों से जानवरों के बाड़े में भाई ने अपने ही बहन को कैद कर रखा था

उसको निकाल देने के बाद वह लोगों को पत्थर मारती है और कहीं भी निकल जाती है इसलिए मजबूरी बस हमने जंजीरों से बांधकर रखा हुआ है.

राम मेहता, बारां: जिले के आदिवासी क्षेत्र शाहाबाद के मामोनी गांव की एक महिला किरण मेहता पहले आम लोगों की तरह अपनी जिंदगी जी रही थी. वहीं, शादी के बाद क्षेत्र के खटका गांव में ही उसका एक छोटा सा परिवार था. महिला के दो पुत्र और एक बेटी भी हैं लेकिन पिछले 10 वर्षों से महिला मानसिक रूप से रोगी हो गई.

महिला के भाई राकेश ने बताया कि उसकी बड़ी बहन किरण (40 साल) की शादी पास ही खटका गांव में की थी. वह अपने पति और तीन बच्चों के साथ खुशहाली से अपना जीवन जी रही थी. पति का भी निधन हो गया. यह बहन अपने बच्चों के साथ यहीं रह रही है. पिछले 10 साल से ग्वालियर, कोटा समेत कई जगह इलाज करवाया लेकिन उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हुई. कुछ साल पहले उसके पति भी गुजर गए, जिसके बाद घर वालों ने भी उसका इलाज कराने की कोशिश की लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने से और अच्छा इलाज नही करा पा रहे हैं

मजूबरी में इसे जंजीरों से बांधकर रखा जाता है. भाई का कहना है कि उसको निकाल देने के बाद वह लोगों को पत्थर मारती है और कहीं भी निकल जाती है इसलिए मजबूरी बस हमने जंजीरों से बांधकर रखा हुआ है.

पीड़ित किरण मेहता पिछले 10 वर्षों से जानवरों से भी बदतर जिंदगी जी रही है. वह उसके घर के बारे में ही एक पेड़ के नीचे लोहे की जंजीरों से बंधी रहती है और उसके परिजन सुबह-शाम खाना खिला देते हैं. गर्मी, सर्दी, बरसात में इसी तरह से जंजीरों से बंधी रहती है लेकिन जिम्मेदार प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com