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बैंकों पर ईडी की नजर -सबसे अधिक पुराने नोट जमा करने वालों की खैर नहीं !

नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को नए नोटों में बदले जाने की आशंका को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों को विभिन्न ब्रांचों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए सबसे अधिक पुराने नोट जमा करने वाले देश भर में 10 बैंकों के 50 ब्रांच को चुना गया है। ईडी की कोशिश यह पता लगाने की है कि इन ब्रांचों में पुराने नोट भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुरूप जमा किये गए थे या नहीं। इनमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र के बैंक शामिल हैं।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंकों में जमा किये गए पुराने नोटों की सच्चाई पता लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। इनमें बैंक के आडिटर भी शामिल हैं। इनका काम यह देखना है कि खाते में पुराने नोट जमा कराते समय फार्म को ठीक से भरा गया था या नहीं। शिकायत मिली है कि पुराने नोट जमा करने वालों के बारे में ब्रांच में कुछ और जानकारी दर्ज है, जबकि फार्म पर कुछ और ही लिखा हुआ है। इसके साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि ब्रांच ने जितने लोगों के पुराने नोट जमा कराने का दावा किया था, उतने लोग सचमुच में उस दिन ब्रांच में पहुंचे थे या नहीं। इसके लिए ब्रांच मैनेजर को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा गया है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंकों में जमा किये गए पुराने नोटों की सच्चाई पता लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंकों में जमा किये गए पुराने नोटों की सच्चाई पता लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टीमों को यह निर्देश दिया गया है कि उनकी कार्रवाई से बैंकों का नियमित परिचालन प्रभावित न हो और साथ ही ग्राहकों को इससे किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। उनके अनुसार जिन 50 ब्रांचों की जांच की जा रही है, उनमें दिल्ली के 10, मुंबई के आठ, गुजरात के 11, कनार्टक के चार, लखनऊ के तीन और पटना का एक ब्रांच शामिल हैं।

सीए गिरफ्तार

पुराने नोटों को नए नोट में बदलने के रैकेट में शामिल एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। एक्सिस बैंक के दिल्ली के कश्मीरी गेट ब्रांच में पुराने नोटों को जमा कराने के मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। दो ब्रांच मैनेजरों को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुका है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट राजीव कुशवाहा ने कई फर्जी कंपनियां खोल रखी थी, जिसमें अपने ड्राइवर, नौकर और यहां तक कि एक रिक्शाचालक को भी निदेशक बना रखा था। इन्हीं फर्जी कंपनियों में उसने ब्रांच मैनेजर की मिलीभगत से 39 करोड़ रुपये जमा करा दिया था और बाद में उन्हें ज्वेलर्स को आरटीजीएस कर उनसे सोना खरीद लिया था।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजीव कुशवाहा को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है। कुशवाहा से यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किसी दूसरे ब्रांच में भी उसने इसी तरह का कालेधन को सफेद नहीं किया था। 22 नवंबर को कुशवाहा को एक्सिस बैंक के बाहर 3.70 करोड़ के पुराने नोट के साथ दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था।

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