इस्लामाबाद। पाकिस्तान और रूस इस साल के अंत में अब तक के सबसे पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास करने के लिए तैयार हैं। शीतयुद्ध के दौरान विरोधी खेमों में रहे दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को दर्शाने वाले इस अभ्यास की जानकारी मीडिया ने दी है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि दोनों पक्षों के लगभग 200 सैन्यकर्मी इन संयुक्त अभ्यासों में भाग लेंगे।यह कदम मास्को और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के बीच उठाया जा रहा है। इस्लामाबाद आधुनिक रूसी युद्धक विमानों को खरीदने पर भी विचार कर रहा है।
मास्को में पाकिस्तान के राजदूत काजी खलीलुल्ला ने अखबार को बताया कि यह पहली बार है, जब इन दोनों देशों के सैन्यकर्मी संयुक्त सैन्य अभ्यासों ‘फ्रेंडशिप-2016’ में हिस्सा लेंगे। हालांकि उन्होंने अभ्यासों की प्रकृति और तिथियों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। खलीलुल्ला ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच बढ़े हुए सहयोग को दर्शाता है।
उन्होंने पिछले सप्ताह एक रूसी समाचार एजेंसी को बताया कि यह निश्चित तौर पर दोनों पक्षों की ओर से रक्षा एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग को विस्तार देने की इच्छा दर्शाता है। अखबार ने कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास को सेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग के एक अन्य कदम के रूप में देखा जाता है। यह उन दो देशों के द्विपक्षीय संबंध में एक सतत वृद्धि दिखाता है, जिनके संबंध दशकों तक चली शीत युद्ध की दुश्मनी के कारण बिगड़ गए थे।
पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ संबंध बिगड़ने के बाद से अपनी विदेश नीति के विकल्पों को विस्तार देने का फैसला किया। अमेरिका के साथ उसके संबंध मई 2011 में सीआईए की खुफिया छापेमारी के बाद से बिगड़ गए थे। इस छापेमारी में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन मारा गया था। अमेरिका के साथ इसके रिश्ते हाल में उस समय डगमगा गए थे, जब अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन के एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री के लिए कोष अवरूद्ध कर दिया था।
पाकिस्तान ने विमान खरीदने के लिए जॉर्डन समेत अन्य वैकल्पिक स्रोतों पर गौर करना शुरू कर दिया। बीते 15 माह से भी ज्यादा समय बाद पाकिस्तान की सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने रूस की यात्रा की। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं का परिणाम पाकिस्तान को चार एमआई-35 हमलावर हेलीकॉप्टर बेचने के समझौते पर हस्ताक्षरों के रूप में सामने आया।
अगस्त 2015 में मास्को में हस्ताक्षरित औपचारिक समझौते को रूस की नीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा गया। यह बदलाव अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी की पृष्ठभूमि में है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों में आए अवरोध के कारण अपने विकल्पों में विविधता लाने के लिए रूस के साथ संबंध सुधारने के लिए उत्सुक है।
एमआई-35 हेलीकॉप्टरों का सौदा करने के बाद पाकिस्तान रूस से लड़ाकू विमान एसयू-35 खरीदने के भी विकल्प तलाश रहा है। इसके लिए चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयरचीफ मार्शल सोहेल अमन ने जुलाई में रूस की यात्रा की। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुख ने रूसी अधिकारियों के साथ ‘सार्थक’ चर्चाएं कीं लेकिन उन्होंने नयी सैन्य खरीदों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई।