मास्को। भारत और रूस के बीच पांच दशकों की दोस्ती में दरार डालने के लिए पाकिस्तान की मीडिया ने अब झूठ का सहारा लेना शुरू कर दिया है। रूस ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं चल रही है।
दरअसल, पाकिस्तान की मीडिया में एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक, रूस ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का हिस्सा बनने और पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रक्षा संबंध विकसित करने की इच्छा जताई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पाक पीएम नवाज शरीफ के अनुसार, सीपीईसी प्रोजेक्ट में कई देश शामिल होना चाहते हैं।
रूस ने साफ तौर पर कहा है कि वह किसी भी तरह से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) से जुड़ना नहीं चाहता है। रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि रूस और पाकिस्तान के बीच सीपीईसी का हिस्सा बनने के लिए सीक्रेट डील चल रही है। यह पूरी तरह से गलत है और इसमें कोई भी तथ्य नहीं हैं।
इस बयान में कहा गया है कि रूस इस तरह की किसी भी संभावना को लेकर पाकिस्तान के साथ कोई भी चर्चा नहीं कर रहा है। बयान के मुताबिक रूस और पाक के पास व्यापारिक और आर्थिक सहयोग है, जिसकी अपनी एक अलग अहमियत है। रूस इसे मजबूत बनाने की कोशिशें करेगा। रूस ने कहा है कि रूस की कंपनियां पाक के शहर कराची से लाहौर तक गुजरने वाली जिस गैस पाइपलाइन को बिछाने का काम कर रही है, वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर आधारित है।
गौरतलब है कि सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान के अंदर भी काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार द्वारा चीन को इतनी दखलंदाजी किए जाने की इजाजत पर आपत्तियां खड़ी हो ही रही हैं। उधर, बलूचिस्तान में भी इस आर्थिक गलियारे को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है। वहां के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहा है।