अमृतसर। यहां होटल रेडिशन ब्ल्यू में दो दिवसीय ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन शुरू हो गया है। सम्मेलन के लिए अधिकारियों की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में एशिया में शांति व आपसी सहयोग अौर अफगानिस्तान की हालत को प्रमुख मुद्दा रखा गया है। इसके साथ ही भारत आतंकवाद और नगरोटा हमले पर पाकिस्तान को घेरेगा। बताया जाता है कि इसके लिए भारतीय दल ने पूरी तैयारी कर ली है। पाकिस्तान के दल का नेतृत्व तारिक अजीज करेंगे।
वित्तमंत्री अरुण जेटली इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बीमार होेने के कारण इसमें भाग नहीं ले रही हैं। सम्मेलन में पाकिस्तान, चीन, ईरान, रूस और अफगानिस्तान सहित करीब 40 देश भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के लिए गुरुनगरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
अफगानिस्तान के हालात व एशियाई देशों में शांति व आपसी सहयोग प्रमुख मुद्दा
शनिवार सुबह नौ बजे विभिन्न देशों के उच्च अधिकारियों की बैठक के साथ सम्मेलन शुरू हुआ। बैठक में 14 सदस्य देशों के उच्च अधिकारी भाग भाग ले रहे हैं। इसमें अफगानिस्तान के हालात, एशियाई देशों में शांति व आपसी सहयोग बैठक का मुख्य मुद्दा है। बैठक में मीडिया की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त रूप से 4 दिसंबर को मुख्य सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। अफगानिस्तान इसका स्थायी अध्यक्ष है जबकि भारत इस साल सह-अध्यक्ष होने के नाते सम्मेलन का मेजबान है। मंत्री स्तरीय सम्मेलन की सह अध्यक्षता जेटली और अफगान विदेश मंत्री करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अाज शाम यहां पहुुंचेंगे।
होटल रैडिशन ब्ल्यू के बाहर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों का ध्वज लगाते कर्मचारी।
अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लक्ष्य से यह मंच तैयार किया गया है। इस बैठक में अफगानिस्तान व उसके पड़ोसियों के बीच क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि उनके बीच सहयोग व कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके और सुरक्षा खतरों से निपटा जा सके। सम्मेलन में विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज भाग लेने रविवार को भारत आएंगे। वह पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
अर्धसैनिक बलों के हवाले गुरुनगरी
‘हार्ट आफ एशिया’ की मेजबानी के लिए गुरु नगरी सजकर तैयार हो गई है। शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। कांफ्रेंस स्थल होटल रेडीसन ब्ल्यू और होटल ताज व होटल हयात को अभेद्य दुर्ग में तब्दील कर दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी होटल ताज में रहेंगे, जबकि विदेशी मेहमान अन्य दो होटलों में रहेंगे।
सुरक्षा के लिहाज से शहर अर्द्ध सैनिक बलाें के हवाले कर दिया गया है। अर्द्ध सैनिक बलाें की सात कंपनियां के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के पांच हजार जवान सड़कों पर तैनात हैं और शहर के चप्पे-चप्पे पर निगाह बनाए हुए है। सुरक्षा में तैनात जवानों ने देर रात रिहर्सल भी की।
शहर के एंट्री व एग्जिट मार्गों पर वाहनों के चेकिंग करने के अलावा हर हरकत पर जवान निगाह गड़ाए हुए हैं। एसपीजी के जवानों ने श्री दरबार साहिब और साडा पिंड में रिहर्सल किया व सुरक्षा का जायजा लिया।
लाइटों से सजाए चौक चौराहे
हार्ट आफ एशिया के डेलीगेशन के स्वागत में शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शहर के सभी अहम मार्गाे पर जहां सुंदर लाइटिंग की गई है, वहीं भंडारी पुल पर एलईडी डिस्प्ले लगाई गई है, जो दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के अलावा रोड इंडीकेटर का भी काम कर रही है। इतना ही नहीं हालगेट, हाल बाजार से लेकर श्रीदरबार साहिब तक के रास्ते पर की गई सजावट तो देखते ही बन रही है। हैरीटेज स्ट्रीट और साडा पिंड को भी डेलीगेट्स की आमद को लेकर विशेषरूप से सजाया गया है।
सम्मेलन की सुरक्षा के लिए तैनात अर्द्ध सैनिक बलों के जवान।
कांफ्रेंस का आज का शेड्यूल
-हार्ट आफ एशिया की कांफ्रेंस में शनिवार सुबह नौ बजे 14 देशों के अधिकारियों की बैठक शुरू।
-शाम 4:50 बजे मंत्री व कांफ्रेंस डेलीगेट्स श्रीदरबार साहिब माथा टेकेंगे और जलियांवाला बाग जाएंगे।
-शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी श्रीगुरुराम दास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
जानिए, क्या है ‘हार्ट आफ एशिया’
‘हार्ट आफ एशिया’ की स्थापना 1 नवंबर, 2011 को अफगानिस्तान के शहर इस्तांबुल में 14 देशों ने मिल कर रखी थी। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल थे। इन देशों ने आतंकवाद रोकने, नशीले पदार्थों पर रोक, आपदा प्रबंधन, व्यापार-निवेश को बढ़ावा, विकास का ढांचा तैयार करने और शिक्षा का विस्तार जैसी छह प्राथमिकताओं को चुना था। इसकी सदस्य संख्या अब 40 तक पहुंच चुकी है।
नगरोटा हमले पर होगा भारत का आक्रामक रुख
सम्मेलन में हाल ही में हुए नगरोटा में आतंकी हमले का असर साफ दिखने को मिलेगा। भारत इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने व उसकी आतंक समर्थित नीतियों को सबके सामने लाएगा। इसके अलावा सीमा पार से आतंकवाद भी बड़ा मुद्दा रहेगा। भारत नगरोटा हमले पर आक्रामक रुख अपना सकता है। सम्मेलन में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज करेंगे। मोदी अफगानिस्तान में शांति बहाली की मजबूती से पैरवी कर सकते हैं।
इन मुद्दों पर पाकिस्तान को घेरेगा भारत
-नगरोटा में आतंकी हमला।
-आतंकवाद का लगातार पोषण और बढ़ावा देना।
-सीमापार से लगातार घुसपैठ।
-सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन।
– नशीले पदार्थ की तस्करी।