आजमगढ़ में अपनी दूसरी ‘सर्वजन हिताय’ रैली में रविवार को मायावती अपने पूरे फॉर्म में नजर आईं, चुन-चुनकर उन मुद्दों पर बोली, जो बीएसपी की दुखती रग बन गए थे. मायावती ने आजमगढ़ की रैली को समुद्री महारैली कहा.
1. पार्टी छोड़ने वाले ‘रिजेक्टेड माल’
सबसे पहला हमला मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सरीखे उन नेताओं पर किया, जो पार्टी छोड़ बीजेपी चले गए, मायावती ने उन्हें ‘रिजेक्टेड माल’ करार दिया. मायावती ने कहा बीजेपी की हालत इतनी खराब है कि BSP के रिजेक्टेड माल को भी उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष गले में पट्टा डाल रहे हैं. जो लोग व्यक्तिगत और परिवार के स्वार्थ में पार्टी छोड़कर गए हैं, उनके लिए मैं आभारी हूं. ये गंदगी खुद निकल गई और सारी गंदगी बीजेपी में चली गई.
2. टिकट बेचने का झूठा आरोप
बहनजी के मुताबिक जो लोग गए हैं, उन्हें अब कभी इस मूवमेंट में जगह नहीं मिलेगी. बीएसपी राजनीतिक मूवमेंट के साथ मिशनरी मूवमेंट भी है. बीएसपी छोड़कर जाने वाला अकेला ही जाता है, उनके फॉलोवर नहीं जाते. मायावती ने ऐलान किया कि बीएसपी को छोड़कर गए, बिकाऊ किस्म के लोगों को बीएसपी आगे कभी टिकट नहीं देगी. मायावती ने कहा कि पार्टी छोड़कर गए लोग टिकट बेचने का झूठा आरोप लगाते हैं और मीडिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, माहौल लंबे समय तक बनाए रखते हैं और बीएसपी के खिलाफ साजिश रचते हैं.
3. तिलक-तराजू-तलवार के नारे को नकारा
मायावती के मुताबिक के षड्यंत्र के तहत तिलक तराजू और तलवार के नारे को बीएसपी से चिपकाया जा रहा है और फिर से झूठे नारे को हवा दी जा रही, ये नारा कभी बीएसपी ने नहीं दिया. मायावती ने कहा कि अगर बीएसपी में भगदड़ है, बीएसपी कमजोर है, तो टिकट खरीदने के लोग करोडों रुपए क्यों देंगे, ये सब झूठा प्रचार है.
4. दयाशंकर सिंह के मामले पर सबक लेने की सलाह
मायावती ने कहा की दयाशंकर की तरह आगे भी उन पर हमले हो सकते हैं. उन्होंने पार्टी के लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि जोश में होश खोने की जरूरत नहीं है. ऐसे मामले पर उत्तेजित होने की बजाय कानूनी लड़ाई लड़ें. आसमान पर थूकने से खुद पर ही पड़ता है.
5. बिहार के पैटर्न पर यूपी में भी बीजेपी
मायावती ने कहा कि बिहार के पैटर्न पर ही यूपी में भी बीजेपी चल रही है, इनकी हालात खराब है. इसलिए रिजेकटेड माल को टिकट के नाम पर बुलाया जा रहा है. बीजेपी रिजेक्टेड माल को अपने यहां ले रही है क्योंकि इनके पास अपना कोई नेता नहीं है. बिहार में जो इनका हश्र हुआ है, वही हाल यूपी में होगा.
6. यूपी में गुंडाराज खत्म करेगी बीएसपी
मायावती ने कहा कि अगर BSP की सरकार यूपी में आई, तो गुंडा-माफिया जेल जाएंगे. कब्जे वाली जमीन छुड़ाई जाएगी, बदले गए पार्क और संस्थानों के नाम को फिर से वापस लाया जाएगा. आजमगढ़ में दहाड़ते हुए मायावती ने कहा कि उन अफसरों और पुलिस अधिकारियों की खैर नहीं, जो इस गुंडा और माफियाराज को आश्रय दे रहे हैं. यूपी में गुंडों और असामाजिक तत्वों के अपराध चरम सीमा पर हैं. मथुरा, बुलंशहर की घटनाओं को भुलाया नहीं जा सकता. महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, कोई दिन ऐसा नहीं जब महिलाओं की आबरू न लुटती हो. यूपी में अपराधियों का जंगलराज है.
7. बसपा ने 2008 में शुरू किया था मेट्रो प्रोजेक्ट
आजमगढ़ के आईटीआई मैदान में जुटी भारी भीड़ देखकर मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह के लिए ये मैदान बहुत बड़ा है, पर मेरे लिए छोटा पड़ गया है. सपा के शासन में जो विकास के काम हुए उसकी शुरुआत बसपा ने किए थे. मेट्रो प्रोजेक्ट बसपा ने 2008 में शुरू किया था.
8. रैली में कांग्रेस पर भी बोला हमला
कांग्रेस राज्य के साथ-साथ केंद्र से भी बाहर है. कांग्रेस का सवर्णों को 10 फीसदी कोटे का वादा छलावा है. कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज की बुजुर्ग महिला को आगे किया, लेकिन दिल्ली में उन्होंने दलितों के लिए कुछ नहीं किया. कांग्रेस के लोग चाहे जितनी पदयात्रा या रोडशो निकाल लें, कोई फायदा नहीं होगा.
9. दलित स्वाभिमान चाहते हैं, सहानुभूति नहीं
मायावती ने कहा कि बीजेपी छह साल से यूपी में सत्ता में रही, लेकिन उसने आरएसएस के एजेंडे को ही लागू किया. पीएम का अच्छे दिनों का सपना बुरे दिनों में तब्दील हुआ है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ मात्र हवाई नारा बन गया है. उन्होंने कहा कि अंबेडकर के स्मारक पर ऐलान करने से ही दलितों का भला नहीं होगा. दलितों के घर में खाना खाने से दलितों का उत्थान नहीं किया जा सकता. दलित अब स्वाभिमान चाहते हैं, सहानुभूति नहीं.
10. BJP के आते ही मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया
जब से बीजेपी की सरकार आई है, तबसे मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है. अब मुसलमान अपने जान-माल और मजहब को लेकर दहशत में है. आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को शक की नजरों से देखा जा रहा है. 15 अगस्त को पीएम का लाल किले से दिया गया पकिस्तान के खिलाफ भाषण, असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है. लोगों का मानना है कि ये पकिस्तान से युद्ध की तैयारी है, इसी को देखते हुए तिरंगा यात्रा शुरू की गई है.