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‘HOPE’ से बयां की जा सकती है भारत की कामयाबी

pminsa2_08_07_2016-300x202जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम यहां अनिवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आना उनके लिए गौरव की बात है। मंडेला शर्ट पहने हुए मोदी ने अपना भाषषण हिंदी और अंग्रेजी में दिया।

उन्होंने कहा कि यह नेल्सन मंडेला की जन्मभूमि और महात्मा गांधी की कर्मभूमि है। उनके नैतिक मूल्य हमारी पी़ढी के लिए आदर्श हैं। इन दोनों नेताओं ने पूरी मानव जाति को प्रभावित किया।

मोदी ने कहा कि भारत अवसरों का देश है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत चमकता सितारा है। हमारी विकास दर इस समय 7.6 फीसदी है जिसे हम 8 फीसदी से ऊपर ले जाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम नीतियों को इस तरह तैयार कर रहे हैं, जिससे विकास को गति मिले। बदलाव सिर्फ कागजों पर नहीं जमीन पर दिख रहा है। भारत के लोगों ने मुझे काम करने के लिए वोट दिया।

अनिवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब मैं आपकी ओर देखता हूं, तो मुझे आपके पूर्वजों की बहादुरी और उनके द्वारा उठाए गए कष्ट की याद आती है। आप स्वाभिमानी भारतीयों के वंशज और दक्षिण अफ्रीका के वफादार नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, मैं आपका आभारी हूं, आप मेरे लिए दूर-दूर से आए हैं।

पीएम ने विभिन्न कार्यक्रम में मौजूद लोगों का अभिवादन विभिन्न भारतीय भाषाओं में किया और कहा कि दशकों के रंगभेद के बाद भी दक्षिण अफ्रीका ने अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा तमिल, गुजराती दक्षिण अफ्रीका के समाज को मजबूत बना रहे हैं और होली, पोंगल दक्षिण अफ्रीका की संस्कृति को दर्शाते हैं।

पीएम ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को गले लगाने वाला भारत पहला देश था। पीएम ने कहा कि सदियों पहले हमारे पूर्वज यहां आए थे, यह महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही है और आपको देखकर पूर्वजों की पीड़ा याद आती है।

प्रधानमंत्री के भाषण की खास बातें

  • दक्षि‍ण अफ्रीका पवित्र धरती है जो महात्मा गांधी की कर्मभूमि है। दक्षि‍ण अफ्रीका ने मोहनदास को महात्मा बनाया।
  • ये सत्याग्रह की जन्मभूमि है और आप भारतीय विरासत की संतान हैं। मूल्यों के लिए कष्ट झेलने वालों पर गर्व है।
  • 16 साल की वलियम्मा को कौन भुला सकता है? प्रवासी भारतीयों ने अपने पूर्वजों की मेहनत से बहुत कुछ सीखा है।
  • दक्षि‍ण अफ्रीका को गले लगाने वाला भारत पहला देश था। 10 जुलाई 1991 को दक्षि‍ण अफ्रीका के क्रिकेट से प्रतिबंध हटा था।
  • सरकार लोगों से जुड़ना चाहती है। 2020 तक 50 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य।
  • हम युवा को अर्थव्यवस्था और समाज का इंजन बनाना चाहते हैं।
  • भारत की तरक्की चार अक्षर में बयां की जा सकती है, वो है HOPE, H- हार्मनी (सदभाव), O- आप्टिमिज्म (आशा), P- पोटेंशियल (क्षमता), E- एनर्जी (ऊर्जा)

इससे पहले भारत को दुनिया की सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीकी कंपनियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने अफ्रीकी कंपनियों से भारत की बदलाव यात्रा में भागीदार बनते हुये निवेश बढ़ाने तथा व्यापार में विविधता लाकर उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। बाद में उन्होंने गांधी और मंडेला को श्रद्धांजलि दी।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष व्यापारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया और महान नेताओं नेल्सन मंडेला तथा महात्मा गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कंपनियों से भौगोलिक संपर्कों का भी लाभ उठाने को कहा।

मोदी ने कहा कि दोनों देशों में वृद्धि एवं विकास के लिये दक्षिण अफ्रीकी व्यापार उत्कृष्ठता तथा भारत में उपलब्ध क्षमताओं को एक-दूसरे के फायदे के लिये उपयोग में लाया जाना चाहिये।

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