गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गंगा रेल पुल का शिलान्यास करने पहुंचे। यहां मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कालाधन रखने वालों और भ्रष्टाचारियों को निशाने पर लिया। भाषण के दौरान बीच-बीच में मोदी-मोदी के नारे भी लगते रहे। मोदी ने अपने पुराने अंदाज में लोगों से सवाल-जवाब के अंदाज में बात की। उन्होंने भोजपुरी से अपने भाषण की शुरुआत की। क्या-क्या कहा मोदी ने पढ़ें-
दूसरी बार गाजीपुर के लोगों का आशीर्वाद मिला है। 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में मदद नहीं करते तो न भ्रष्टाचार करने वाले न कालाबाजारी करने वाले परेशान होते।
वोट की ताकत से गरीब चैन की नींद सो रहा है। कालेधन वाले नींद की गोलियां खरीद रहे हैं।
मैंने कहा था कि विकास करके आपका प्यार ब्याज समेत लौटाउंगा। मैं उत्तर प्रदेश से 9वां प्रधानमंत्री हूंं। पंडित जी के जन्मदिन पर गाजीपुर आया हूं। नेहरु के अधूरे काम पूरे करुंगा।
किसानों के लिए बीमा योजना लागू की, किसानों के नुकसान की भरपाई होगी।तय समय में विकास कार्य पूरे होंगे।
नोटबंदी के जरिए कर रहा हूं जनता का काम। लूट करने वालों का पैसा कागज बन जाएगा। धन जहां होना चाहिए वहां नहीं है। कोई बड़ा काम करने से तकलीफ जरूर होती है।ये काम मैं देश की भलाई के लिए कर रहा हूं, गरीबों की भलाई के लिए कर रहा हूं।
कुछ राजनीतिक दल बहुत परेशान हैं। उन्हें चिंता सता रही है अब क्या करे। ऐसी-ऐसी मालाएं लगती थी कि मुंडी भी नहीं दिखती थी।
एमपी से ऐसी खबरें सुनते थे कि बिस्तर के नीचे से 3-3 करोड़ रुपये निकल रहे हैं। ये किसका पैसा है।
मेरे पास एक ही उपाय था कि एक साथ 500 और 1000 के नोटों को रद्दी में डाल दो। गरीब-अमीर क्या अब एकसमान नहीं हो गए हैं?
आम लोगों को होने वाली परेशानियों की मुझे भरपूर पीड़ा है। मुझे रात-रात भर नींद नहीं आती है। कुछ लोगों को जरा ज्यादा तकलीफ हो रही है। ये लोग कुछ ही लोग हैं। खुद बोलते नहीं है। दूसरों के भड़काते हैं।
कांग्रेसवालों से पूछना चाहता हूं, वो कहते हैं जनता को तकलीफ हो रही है। मैं तो जनता की तकलीफ महसूस करता हूं। उनकी मुश्किलें दूर करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा हूं।
कांग्रेस ने तो 19 महीने आपातकाल लगाकर इस देश को जेलखाना बना दिया था। लोगों को जेल में बंद कर दिया था। करोड़ों रुपये आपके नेताओं ने लोगों से ऐंंठे थे। आपके प्रधानमंत्री को देश और कानून ने नकार दिया था।
मेरा निर्णय कड़क है। जब मैं छोटा था लोग कहते थे, मोदी जी चाय जरा कड़क बनाना। गरीब को कड़क चाय अच्छी लगती है।
कांग्रेस ने एक बार चवन्नी बंद की थी। आप चवन्नी से आगे बढ़ नहीं सकते। आपने अपनी बराबरी का काम किया, हमने अपनी बराबरी का।
ये आतंकवाद, नक्सलवाद, बम-बंदूके, निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया जाए, जवान मां भारती के लिए बलिदान चढ़ जाए। आतंकियों के पास रुपये कहां से आते हैं? सीमापार से हमारे दुश्मन नकली नोट छाप-छापकर देश में भेज रहे हैं।
जाली नोटों का खात्मा होना चाहिए कि नहीं? 500-1000 के नोट पर हमला ना बोलता तो जाली नोट खत्म हो सकते थे क्या? जब से ये किया है ये परेशान हैं, पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। अब लोगों को भड़का रहे हैं। शादी के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं कि आपका जमा पैसा लेकर मोदी भाग गया। माता-बहनों जब तक आपका भाई, लाडला जिंदा है, आपकी कड़ी मेहनत के पैसे पर एक भी सरकारी अफसर आंख नहीं लगा पाएगा।
ढाई करोड़ रखने वालों को छोड़ दूं क्या? बिस्तर के नीचे करोड़ों रखने वालों को छोड़ दूं क्या?
अब गंगा में 500 के नोट बहा रहे हैं। पापियों, गंगा में नोट बहाकर आपका पाप धुलने वाला नहीं है। मैं जानता हूं कि मुझपर क्या-क्या बीतेगी। वो सरकार को हिलाने की ताकत रखते हैं। बड़े ताकतवर हैं। मुझे बताइए कि क्या मुझे ऐसे लोगों से घबराना चाहिए। ईमानदारी का रास्ता छोड़ देना चाहिए। आपका आशीर्वाद है इसीलिए इतनी बड़ी लड़ाई मोल ली है।
मैंने सिर्फ 50 दिन मांगे हैं। 18-18 घंटे बैंककर्मी काम कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी कुर्सी के लिए 19 महीने देश को जेलखाना बना दिया था। तो क्या अच्छे काम के लिए 50 दिन कष्ट नहीं झेला जा सकता।
तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस पवित्र काम के लिए मुझे आशीर्वाद दीजिए। ईमानदारी का महायज्ञ मैंने शुरू किया है। आपका ये आशीर्वाद पूरा देश देख रहा है। तालियां बजाकर बताइए कि ये लड़ाई बेईमानों के खिलाफ है।