हैदराबाद, (पीटीआई)। हैदराबाद ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने यासीन भटकल समेत 5 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। हैदराबाद के दिलसुखनगर सीरियल ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने सुनवाई करते हुए इंडियन मुजाहिद्दीन के पांचों आतंकियों को दोषी करार दिया है।
…जब दिलसुखनगर इलाका दहल उठा
हैदराबाद का दिलसुखनगर इलाका 21 फरवरी, 2013 की शाम दो सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया था। पहला धमाका शाम 7 बजे कोणार्क सिनेमा के पास हुआ था। इसके ठीक 4 मिनट बाद वेंकटाद्री थियेटर के पास दूसरा धमाका हुआ था। इन धमाकों में 17 लोग मारे गए थे, जबकि 131 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 24 अगस्त, 2015 को इस मामले में ट्रायल शुरु किया गया था।
चार्जशीट में 6 आतंकियों के थे नाम
अदालत में दायर की गई चार्जशीट में कुल 6 आतंकियों का नाम थे, जिनमें एक पाकिस्तानी नागरिक था। सभी दोषी हैदराबाद की चेरलापल्ली जेल में बंद हैं।
5 दोषियों के नाम असदुल्लाह अख्तर (यूपी), जिया-उर-रहमान (पाकिस्तान), तहसीन अख्तर (बिहार), यासीन भटकल (कर्नाटक) और एजाज शेख (महाराष्ट्र) हैं।
कौन है भटकल ?
इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) का सह संस्थापक यासीन भटकल विस्फोट के कई मामलों में वांछित है। उसका नाम दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर सात सितंबर 2011 को हुए विस्फोट में भी आया, जिसमें 12 लोग मारे गए थे।30 वर्षीय भटकल 2010 के पुणे के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में भी वांछित है जिसमें पांच विदेशियों सहित 17 लोग मारे गए थे और 56 अन्य जख्मी हुए थे।
कर्नाटक के भटकल का रहने वाला आईएम का सह-संस्थापक दिल्ली सीरियल ब्लास्ट (2008), अहमदाबाद विस्फोट (2008) और सूरत विस्फोट (2008) में भी शामिल रहा. वह जयपुर विस्फोट (2008), वाराणसी के दशाश्वमेध घाट विस्फोट (2010) और मुंबई में हुए विस्फोट (2011) में भी शामिल था।