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RIO- सिंधु ने जीता अरबों का सोने का दिल !

रियो डी जनेरियोः स्पेन की कैरोलिना मारिन ने ब्राजील की मेजबानी में खेले जा रहे 31वें ओलम्पिक खेलों में शुक्रवार को महिला बैडमिंटन एकल वर्ग के मुकाबले में भारत की पी.वी. सिंधु को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया. सिंधु को रजत पदक मिला.

फाइनल में भले ही सिंधु को हार मिली हो लेकिन सिंधु ने एक नया इतिहास रच दिया है. सिंधु ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी.

स्पेन की खिलाड़ी पहले गेम में सिंधु पर हावी थीं और उन्होंने 14-10 की बढ़त बना ली थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने वापसी करते हुए 27 मिनट में 21-19 से गेम अपने नाम किया.

लेकिन इसके बाद स्पेनिश खिलाड़ी ने लागातार दो गेम जीत गोल्ड हासिल किया.

दूसरे गेम में मारिन ने अच्छी शुरुआत की और 4-0 की बढ़त ले ली और इसके बाद आसानी से 21-12 से गेम अपने नाम कर मैच तीसरे गेम में ले गईं. यह गेम 22 मिनट तक चला.

तीसरे गेम में मारिन ने 21-15 से सिंधु को मात दी. यह गेम 31 मिनट चला.

निर्णायक गेम – पहले गेम में शानदार प्रदर्शन के बाद सिंधु अगले दो गेम में दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी को जबरद्सत टक्कर दी लेकिन कभी भी बढ़त नहीं बना पाई. दोनों ही गेम में मारिन ने अंतर को बढ़ाए रखा और अंत में तीसरे गेम को 21-15 से जीतकर गोल्ड जीता.

# मैच प्वाइंट – मारिन ने भारत की पी वी सिंधु को 19- 21, 21-12 और 21-15 से हराकर गोल्ड जीता, सिंधु के नाम सिल्वर

# मारिन ने लगातर चार अंक बनाए ये चार अंक गोल्ड की ओर सबसे बड़े कदम हैं. अंतर छह अंको का हो गया है.

# जहां मारिन ने एक अंक बनाए तो सिंधु ने दो अंक बनाए.  16-14

# मारिन पहुंची 15 पर तो सिंधु ने भी दो अंक बनाए और अंतर को 15-12 का किया.

# ब्रेक के बाद मारिन ने लगातार तीन अंक बनाए. सिंधु 10 अंक पर

# सिंधु ने बराबरी की 10-10 से गेम बराबर की लेकिन 11 प्वाइंट मारिन के नाम और 11-10 की बढ़त के साथ मारिन ने लिया ब्रेक.

# एक समय जो 9-4 का था सिधु ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए अंतर को 9-8 का किया.

# मारिन ने एक बार फिर 4 लगातर प्वाइंट बनाए. 6-1 से पिछड़ने के बाद सिधु ने दूसरा और तीसरा प्वाइंट बनाया.

# दो प्वाइंट से पिछड़ने के बाद सिंधु ने पहला अंक बनाया.

# तीसरे गेम का खात एक बार फिर मारिन ने खोला.

दूसरा गेम  –

दूसरे सेट में स्पेन की मारिन ने बेहतरीन खेल दिखाया और गोल्ड के इस मैच में शानदार वापसी करते हुए गेम को 20 मिनट में 21- 12 से जीता. मैच का फैसला अब तीसरे सेट में होगा.

# एक बार फिर से सिंधु ने वापसी की और लगातार तीन अंक अर्जित किए. अब मुकाबला 18-11 पर

# सिंधु ने वापसी की और अंतर को 15-8 का किया.

# दूसरे सेट में सिंधु प्रेशर में दिख रही हैं और कई लगातार गलती कर रही हैं.

# मारिन की गलती पर सिंधु को तीसरा अंक, मारिन ने बढ़त 12-4 की.

# दूसरे सेट में मारिन ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए लगातार पांच और प्वाइंट बनाए और 11-2 के साथ ब्रेक लिया.

# मारिन ने पांचवां अंक बेहतरीन स्मैश से बनाया. मारिन के 6 अंक के बाद सिंधु ने दूसरा प्वाइंट बनाया

# दूसरे गेम का खाता मारिन ने खोला और 4-0 से बढ़त बनाई.  चार अंक गंवाने के बाद सिंधु ने पहला प्वाइंट बनाया.

पहले दो प्वाइंट में बढ़त बनाने के बाद सिंधु ने अंतिम समय में वापसी की और लगातार पांच प्वाइंट बनाकर पहला गेम 21-19 से जीता.

पांच लगातार प्वाइंट बनाकर सिंधु ने गेम अपने नाम किया.

लंबी रैली के बाद प्वाइंट सिंधु के खाते में.  19-16 से पीछे है सिंधु

# सिंधु ने बेहतरीन वापसी करते हुए मुकाबला 16-15 किया.

# ब्रेक के बाद सिंधू ने वापसी करते हुए प्वाइंट 12-9 का किया.

# पहले दस मिनट में मारिन ने स्मैश और टॉस का बेहतरीन खेल दिखाया. साथ ही नेट का भी बेहतरीन इस्तेमाल किया. पहले सेट में अब बढ़त 11-6 का.

# दोनों ने तीन तीन प्वाइंट बनाए लेकिन  8-5 के साथ बढ़त मारिन के पास.

# सिंधू के बढ़त को पीछे छोड़ते हए मारिन ने 5-2 की बढ़त बनाई.

# सिंधू ने 2-1 से बढ़त बनाई.

# मुकाबले का पहला प्वाइंट मारिन के नाम

# सिंधू और मारिन फाइनल मुकाबले के लिए कोर्ट में आए.

# सिंधू और मारिन का मुकाबला 6.55 में शुरु होना था लेकिन मेन्स सेमीफाइनल के कारण मुकाबले में देरी हो रही है.

रियो डि जिनेरियो: रियो ओलंपिक में पीवी सिंधू ने भारत के लिए गोल्ड की आस जगा दी है. आज हर भारतीय की यही तमन्ना और चाहत है कि सिंधू जीते और भारत की झोली में सोना आए.

मुकाबला फाइनल का है, ऐसे में टक्कर रोमांचक होने से कोई इनकार नहीं कर सकता, चूंकि भारत की शेरनी सिंधू का मुकाबला दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी से है, इसलिए ये कांटे का मुकाबला है. इस वक़्त सिंधू का जो फॉर्म और जज्बा है

कौन है कैरिलोना –

5 फुट 8 इंच की कैरिलोना स्पेन की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2009 में पहली बार अपने देश के लिए जुनियर यूरोपियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके बाद उन्होंने अगले सात साल में 19 टाइटल जीते. उन्हें 8 बार फाइनल में हार मिली है.

सात के अंतरराष्ट्रीय करियर में मारिन ने अब तक 239 मुकाबले जीते हैं और 74 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

23 साल की कैरोलिना की सबसे बड़ी ताकत है उनकी वह लंबी रैली गेम में नहीं थकना. दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी कैरोलिना पावर गेम में विश्वास रखती हैं.

पीछले एक साल से कैरोलिना रैंकिंग में नंबर एक पर बनी हुई हैं. लेकिन कैरोलिना को 2012 के ओलंपिक में सेमिफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था.

ओलंपिक में कौन बेहतर –

ओलंपिक में अब तक मारिन ने एक भी सेट नहीं हारा है और सीधे सेटों में अपने मुकाबले जीते. उन्होंने अब तक 168 प्वाइंट बनाए हैं और सिर्फ 97 प्वाइंट गंवाए हैं. वहीं सिंधू को पहले ही मैच में सेट हारना पड़ा था. सिंधू ने 230 प्वाइंट बनाए हैं जबकि 166 प्वाइंट गंवाए हैं.

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