नोटबंदी के बाद से पार्टियों के कई नेता कमिशन पर करोड़ों रुपए के पुराने नोट बदल रहे हैं। नेताओं ने अपनी पार्टी ऑफिस को अंडरग्राउंड बैंकों में बदल लिया है। इंडिया टुडे ने यह दावा किया है। इंडिया टुडे का कहना है कि उन्होंने एक स्टिंग ऑपरेशन करके इसका पर्दाफाश किया है। न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें बसपा, सपा, कांग्रेस, एनसीपी और जदयू के नेता शामिल हैं। यह काम दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज चैनल का एक पत्रकार बिजनसमैन बनकर बसपा के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष वीरेंद्र जाटव से उनके पार्टी ऑफिस में ही मिला। वहां पर जाटव 10 करोड़ रुपए बदलने के लिए तैयार हो गए है। उन्होंने इसके लिए 40 फीसदी कमिशन की मांग की। साथ ही जाटव ने कहा कि वे आपके पुराने नोट तुरंत बदलकर कैश दे देंगे। इसके बाद पत्रकार ने समाजवादी पार्टी की नोएडा महानगर यूनिट के एक सदस्य टिटू यादव से मुलाकात की। यादव ने भी पत्रकार से 40 फीसदी कमिशन मांगा।
कुछ नेता तो यह काम दिल्ली में ही कर रहे हैं। इनमें कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस हेडक्वार्टर में कांग्रेस सदस्य तारिक सिद्दिकी ने पुरानों नोटों को बदलने के लिए पत्रकार का एक एनजीओ से परिचय कराने की बात कही। साथ ही उसने बताया कि और भी कई लोग हैं जो कि पुराने नोटों को नए नोटों से बदल रहे हैं। सिद्दिकी दिल्ली के अल्पसंख्यक वित्त निगम के पूर्व डायरेक्टर हैं। इनके साथ ही एनसीपी दिल्ली ब्रांच के महासचिव रवि कुमार 30 फीसदी कमिशन पर एक करोड़ के पुराने नोट बदलने को तैयार हो गए। उन्होंने कहा कि वे चेक में आपकी 70 फीसदी रकम वापस लौटा देंगे। जब उनसे पूछा गया कि चेक को किस तरह से यूज किया जाएगा। तो उन्होंने एक फर्जी पीआर कंपनी बनाने का आइडिया दिया। और कहा कि उनकी पार्टी पेपर्स पर उनकी फर्जी कंपनी को हायर कर लेगी और दिखा देगी कि आपकी कंपनी ने हमारी पार्टी के लिए पीआर वर्क किया था।
इनके साथ ही जदयू दल के दिल्ली यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट सतीश सैनी 30 फीसदी कमिशन पर 10 करोड़ के पुराने नोट बदलने को तैयार हो गए। यह स्टिंग इंडिया टुडे न्यूज चैनल पर प्रसारित किया गया है।