आयकर विभाग ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ ‘बिना आयकर भुगतान वाली विदेशी संपत्तियों’ के मामले में जांच के लिए लुधियाना कोर्ट का रुख करते हुए आरोप पत्र दायर किया है। सिंह को उनके बेटे रणिंदर सिंह द्वारा विदेश में स्थापित ट्रस्ट और स्वामित्व वाली संपत्तियों का ‘लाभार्थी’ पाया गया तथा जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इन संपत्तियों के स्वामित्व के बारे में ‘गलत बयान’ दिए। यह मामला जब सामने आया था जब इनकम टैक्स विभाग जिनेवा के HSBC बैंक में भारतीय लोगों के खातों की जांच कर रहा था। आयकर विभाग ने आरोप पत्र में कहा, ‘शख्स झूठ बोल सकते हैं लेकिन तथ्य और कागजात नहीं। इस केस में सारे तथ्य और जानकारी विदेश की अथॉरिटी से मिली है। ‘
2015 में इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि स्विस लीक केस तब उजागर हुआ था जब HSBC के 628 खातों की जांच शुरू हुई। उसमें से एक अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर का भी था। हालांकि, शुक्रवार को अमरिंदर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत और राजनीति से प्रेरित बताया। अमरिंदर ने ट्विटर के जरिए वित्त मंत्री अरुण जेटली पर उनको फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मैंने अरुण जेटली को चुनौती दी थी कि वह अमृतसर में लोकसभा उप चुनाव लड़ें और अब उन्होंने इस तरह से जवाब उसका दिया है। यह अनुमानित था।’
इनकम टैक्स ने जो केस बनाया है उसके अनुसार तीन बैंक अकाउंट पर उसकी नजर थी। जो कि Mulwala Holdings; Limerlock International; Chillingham Holdings and Allworth Venture Holdings के थे। उन सबके अंदर कुल 61.7 लाख डॉलर (आज के एक्सचेंज रेट के अनुसार कुल 41.9 करोड़ रुपए) थे। उन ट्रस्ट की प्रोपर्टी रणिंदर सिंह के नाम थी जिसके लाभार्थी अमरिंदर सिंह भी थे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने शुक्रवार को पंजाब के लुधियाना में एक अदालत में अभियोजन शिकायत (पुलिस आरोप पत्र के बराबर) दायर किया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर को आयकर अधिनियम की धारा 277 (सत्यापन में गलतबयानी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 176, 177 (गलत जानकारी देना) और 193 (हलफनामे में गलत बयान देना) के तहत आरोपी बनाया।