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औंधे मुह फिर गिरा पाकिस्तान – चीन कडी मेहनत से बने चीन-भारत कि रिश्तों को बरकरार रखने के लिए चीन कड़ी मेहनत की इच्छा रखता है !

हांगझोउ। जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज मुलाकात हुई। मोदी और शी की मुलाकात को दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट को ध्यान में रखते हुए काफी अहम माना जा रहा है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) सहित कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में थोड़ा तनाव देखने को मिला है।

जी 20 के नेताओं की बैठक से इतर मोदी और शी के बीच की यह बैठक आज सुबह हांगझोउ वेस्ट लेक स्टेट गेस्टहाउस में हुई।  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, हांगझोउ में पहली बैठक मेजबान के साथ हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की।’

मुलाकात में जिनपिंग ने मोदी से कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि हम एक दूसरे की चिंताओं का सम्मान करते हैं और विवादों वाले मुद्दों को रचनात्मक बातचीत से हल करें। कडी मेहनत से बने चीन-भारत कि रिश्तों को बरकरार रखने के लिए चीन कड़ी मेहनत की इच्छा रखता है। वहीं मोदी ने कहा कि भारत-चीन साझेदारी इस क्षेत्र और पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक कई विवादित मुद्दों की पृष्ठभूमि में हुई है। इन मुद्दों में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध किए जाने, चीन द्वारा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता रोकी जाने और 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का मुद्दा शामिल है।

चीन की चिंता LEMOA

चीन भी भारत और अमेरिका के करीबी संबंधों और हाल ही में दोनों देशों के बीच किए गए साजो सामान संबंधी सैन्य समझौते (एलईएमओए) को लेकर चिंतित रहा है। यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को आपूर्ति और मरम्मत के लिए एक दूसरे के प्रतिष्ठानों तक पहुंच बनाने का अधिकार देता है। बैठक के बाद दोनों नेता जी 20 सम्मेलन से पहले ब्रिक्स के नेताओं की बैठक में शिरकत करेंगे। इस बैठक में जी 20 के लिए उनकी रणनीति तय की जाएगी।

मोदी हनोई में अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करके कल रात को हांगझोउ पहुंचे थे। वह अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मैलकॉम टर्नबुल और सउदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

वह यहां शुरू होने वाले दो दिवसीय जी 20 सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इस सम्मेलन का मूल विषय ‘‘विकास के लिए नीति समन्वय मजबूत करना और एक नया रास्ता तलाशना है।

जून में हुई थी मुलाकात

इन दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात ताशकंद में जून में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान हुई थी। इनकी अगली बैठक अगले माह गोवा में आयोजित होने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान होगी।

मोदी आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल और सउदी अरब के नायब शहजादा मोहम्मद बिन सलमान से भी द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर अपने चीन पहुंचने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया था कि हेलो हांगझोउ, जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे प्रधानमंत्री। ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री की यहां के अधिकारियों के साथ हाथ मिलाते हुए तस्वीर भी पोस्ट की गई।

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