भारत के तीन दिन के दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्माओली ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके तहत भारत के सहयोग से बिहार के रक्सौल को नेपाल की राजधानी काठमांडू को विद्युतीकृत ट्रेन से जोड़ा जाएगा।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि इस परियोजना के पहले चरण के तहत एक साल के भीतर रूट के सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। दोनों पक्ष योजना को लागू करने की रूप रेखा और वित्तीय हिस्सेदारी को भी अंतिम रूप एक साल के भीतर देने के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल को भरोसा दिया है कि इस कार्य में भारत पूरा सहयोग करेगा। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-नेपाल सीमा पर रेल संपर्क बढ़ाने के पहले चरण में हुई प्रगति की सराहना की। योजना के तहत इसी साल बिहार के जयनगर से जनकपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो जाएगा। जोगबनी से बिराटनगर के बीच कस्टम यार्ड का काम भी इसी साल पूरा होगा। दोनों नेताओं ने जयनगर-बिजालपुरा-बर्दीबास और जोगबनी-बिराटनगर रेललाइन को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर सहमति जताई।
परियोजना के दूसरे चरण में न्यू जलपाईगुड़ी को काकरभिट्टा से, नौतनवा को भैरवा से और नेपालगंज रोड को नेपालगंज से जोड़ने का प्रस्ताव है। इन पर अंतिम सर्वे का काम हो रहा है।
अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करने पर सहमति
भारत और नेपाल मौजूदा व्यापार एवं पारगमन ढांचे के अंतर्गत ही अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा दोनों देशों की भौगोलिक स्थितियों और अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों ने व्यापार और पारगमन व्यवस्था के ढांचे के अंतर्गत माल परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह पहल माल की लागत प्रभावी और दक्ष आवागमन को सक्षम बनाएगी।
कृषि क्षेत्र में करेंगे मिलकर काम
भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी , कृषि उत्पादन एवं कृषि- प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के संकल्प की शनिवार को पुष्टि की। इसके साथ ही दोनों देशों ने किसानों, उपभोक्ताओं, वैज्ञानिक समुदाय के साथ-साथ निजी क्षेत्र के आपसी लाभ के लिए समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) किया। दोनों देशों के कृषि मंत्रियों की अगुवाई में इस भागीदारी की शुरुआत की जाएगी। कृषि अनुसंधान और विकास, शिक्षा, प्रशिक्षण और छात्रवृति के क्षेत्र में सहयोगी परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा।