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पटना में एक तरफ भारी बारिश हो रही है तो दूसरी तरफ गंगा व सहायक नदियों मूें उफान के कारण बाढ़ का खतरा

 बिहार में आफत की बारिश लगतार जारी है। लेकिन यहां बारिश थम भी गई तो नदियों में उफान का डर है। दक्षिण बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। चक्रवातीय दबाव झारखंड, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में बना हुआ है। इस कारण प्रमुख नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा की सहायक नदियों सोन, पुनपुन और फल्गु में भी उफान है। इस कारण पटना पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इंद्रपुरी बराज से छोड़ा गया पानी रविवार को पटना पहुंचने से हड़कम्‍प मच गया है। किसी आपात स्थिति के लिए प्रशासन ने हेल्‍पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं।

पटना पहुंचा इंद्रपुरी बराज का पानी

शनिवार रात आठ बजे इंद्रपुरी बराज से करीब तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया, जो रविवार तक पटना पहुंचने लगा है।  पुनपुन का जलस्तर बढ़ रहा है। पटना के पास अभी गंगा में ज्यादा पानी नहीं है, किंतु सहायक नदियों के जलस्तर में अगर वृद्धि हुई तो पटना की परेशानी में इजाफा हो सकता है। गंगा में अगर पानी 2016 की स्थिति में आ गया तो मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूरे राज्य में औसतन 52 मिमी बारिश रिकॉर्ड किया गया है।

प्रशासन ने जारी किए हेल्‍पलाइन नंबर

पटना में बारिश अगर ऐसी ही होती रही और गंगा भी पानी से लबालब भर गई तो निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होगी। भारी बारिश के कारण पहले सेजल-जमाव से प्रभावित पटना में नदियों में उफान के कारण बाढ़ का खतरा भी मंडराता दिख रहा है। इसे लेकर प्रशासन सतर्क है। प्रशासन ने इसके लिए हेल्‍पलाइन नंबर (0612-2294204 एवं 0612-2294205) भी जारी कर दिया है।

तेजी से बढ़ रही गंगा की सहायक नदियां

जल संसाधन विभाग के मुताबिक इंद्रपुरी बराज से शाम आठ बजे अप स्ट्रीम में 1.60 लाख क्यूसेक और डाउन स्ट्रीम में डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह इस साल के अधिकतम रिकार्ड से करीब 50 लाख क्यूसेक ज्यादा है। मनेर के पास सोन पहले से ही खतरे के निशान से 28 सेमी ऊपर बह रही है।

सबसे बड़ी राहत नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में कम बारिश के चलते मिल रही है। फिर भी बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा एवं अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में तेजी है। गंडक भी हाजीपुर और रेवाघाट में तेजी से बढऩे लगी है। बागमती भी पहले से खतरनाक है। झंझारपुर और जयनगर में पिछले 24 घंटे के दौरान कमला बलान 40 सेमी तक वृद्धि हुई है। श्रीपालपुर में पुनपुन खतरे के निशान से मामूली नीचे रह गई है। जलस्तर में वृद्धि जारी है। नवादा जिले के गाजीपुर गांव में खुड़ी नदी में अचानक पानी बढ़ गया। नालंदा जिले के संकरी नदी का भी यही हाल है। आसपास के गांवों को सतर्क कर दिया गया है।

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