हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitanram Manjhi) ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव( Tejashwi Yadav) में अभी अनुभव की कमी है, इसीलिए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के बाद यदि महाठबंधन (Grand Alliance) को बहुमत मिलता है और अगर मुझे नेता चुना जाता है तो मैं तैयार हूं।
राजद ने दी तीखी प्रतिक्रिया, कसा तंज
उनके इस बयान पर राजद(RJD) ने तीखी प्रतिक्रिया दी और तंज कसते हुए कहा है कि जीतन बाबू अधीर हो रहे हैं। महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा या बहुमत मिलने पर कौन मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनेगा यह मीडिया में तय नहीं होता है, इसको महागठबंधन के सभी घटक दल आपस में बैठकर तय करेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में जीतनराम मांझी ने कही थी ये बात
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जीतनराम मांझी ने कहा कि वो महागठबंधन का नेता बनने को तैयार हैं। साथ ही यह भी दोहराया कि वैसे में शामिल सभी दलों की बैठक में यह तय होगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? तेजस्वी राजद के चेहरा हो सकते हैं पर अभी अगले मुख्यमंत्री का फैसला नहीं हुआ है।
एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि वे नौ माह तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे एक बेहतर मुख्यमंत्री पूर्व सांसद पप्पू यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देेते हुए मांझी ने कहा कि वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। मांझी ने कहा कि वो एक अच्छे मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उनके कार्यकाल को और उनके लिए फैसलों को जनता याद करती है। कई फैसलों को सरकार अब भी लागू कर रही है।
जीतनराम मांझी ने कहा कि यदि उन्हें दोबारा मौका मिलता है तो वे योग्य सीएम साबित होंगे। कहा कि उनके पास अनुभव भी है। कोई दाग भी नहीं है। लंबा कैरियर रहा है। हाल की घटनाओं से लगता भी है कि राजद के तेजस्वी यादव को राजनीतिक रूप में और परिपक्व होना होगा।
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा-अधीर मत हों जीतन बाबू
जीतन बाबू अधीर हो रहे हैं. महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा या बहुमत मिलने पर कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह मीडिया में तय नहीं होता है। इसको महागठबंधन के सभी घटक दल आपस में बैठकर तय करेंगे। अभी दो-तीन दिन पहले महागठबंधन की बैठक हुई थी। उस बैठक में जीतन बाबू भी मौजूद थे।
अगर उनके मन में कोई बात थी तो उसको उस बैठक में रखकर सुलझा लिया जाना चाहिए था। वहां इस विषय पर आप मौन रहे और अब मीडिया के ज़रिए सवाल उठाकर जीतन बाबू विरोधियों को मौक़ा दे रहे हैं कि वे हमारा उपहास उड़ाएं। इससे सिर्फ महागठबंधन का ही उपहास नहीं उड़ रहा है बल्कि जीतन बाबू भी उपहास का पात्र बन रहे हैं।
जीतन बाबू महागठबंधन के सम्मानित नेता हैं। उनसे नम्रता पूर्वक मैं अनुरोध करता हूं कि इस प्रकरण में उन्हें जो कुछ भी कहना हो, महागठबंधन के भीतर कहे। इस विषय को सार्वजनिक विवाद का विषय न बनाएं।