नई दिल्ली, (जेएनएन)। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर- 2016’ चुना गया है। बुधवार को टाईम मैगजीन ने ट्रंप के नाम का एलान किया। टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुने जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा टाईम मैगजीन के कवर पेज पर ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ के तौर पर आना बहुत ही सम्मान की बात है।
हालांकि ऑनलाइन रीडर्स ने ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर- 2016’ के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाई थी। ऑनलाइन रीडर्स पोल को पीएम मोदी ने बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प जैसे अंतरराष्ट्रीय नेताओं को हराकर जीता। बता दें कि दावेदारों में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी शामिल थे, लेकिन आखिरकार जीत प्रधानमंत्री मोदी को ही मिली। यह लगातार चौथा साल है, जब टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ के दावेदारों की सूची में नरेंद्र मोदी को शुमार किया गया था।
नरेंद्र मोदी क्यों नहीं चुने गए: 1998 में हुए पहले ऑनलाइन पोल में, पहलवान व समाजसेवी मिक फोले 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर जीते थे। मगर उन्हें पोल से हटा दिया गया और बिल क्लिंटन और केन स्टार को यह खिताब दे दिया गया। इस बार नरेंद्र मोदी के साथ भी ऐसा ही हुआ। असल में ऑनलाइन पोल को संबंधित प्रतियोगी के फैन्स के निर्णय के रूप में देखा जाता है। इसे भावनात्मक लगाव का नतीजा भी माना जाता है और पोल करने वालों के निष्पक्ष निर्णय के रूप में नहीं देखा जाता। नरेंद्र मोदी के नहीं चुने जाने के पीछे की बड़ी वजह यही रही होगी। इसकी प्रमुख वजह यह सच भी रहा होगा कि वर्ष के दौरान नरेंद्र मोदी का ऐसा कोई कार्य नहींं था, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई हो।
इंटरनेट के आने के बाद से टाइम मैगजीन हर साल अपने पाठकों के बीच सर्वे कराती है, जिसमें लोग अपने पर्सन ऑफ द ईयर का चुनाव करते हैं। ज्यादातर लोग इस सर्वे के विजेता को ही पर्सन ऑफ द ईयर मान लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। पर्सन ऑफ द ईयर का चुनाव अंतिम रूप से टाइम पत्रिका के संपादकों द्वारा किया जाता है।