प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद देशभर में प्रतिबंधित हुए 500 और 1000 रुपये की करेंसी से जमकर सोने की खरीदारी की गई. पूरे महीने के दौरान 20 हजार करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी से सोना खरीदा गया.
पूरे देश से एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में कुल 66 टन सोना इंपोर्ट किया गया है. देश के बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक एक साल पहले नवंबर, 2015 में महज 52-55 टन सोना इंपोर्ट हुआ था. लिहाजा नवंबर 2015 और नवंबर 2016 इंपोर्ट हुए इंपोर्ट हुए सोने में 10-13 टन का अंतर है.
2015 के दौरान देश में सोने का 700 टन नेट इंपोर्ट हुआ था. लेकिन 2016 में नेट इंपोर्ट की संख्या गिरकर 500-550 टन रहा.
इन्हीं आंकड़ों को समझें. जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शिकायतें मिलने लगी कि देश में सोना-चांदी (बुलियन) कारोबारी और ज्वैलर्स 50,000 रुपये में 10 ग्राम सोना बेच रहे हैं. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुलियन कारोबारियों पर छापा मारना शुरू कर दिया जिससे पूरे देश में बुलियन कारोबारियों में हड़कंप मच गया. बुलियन कारोबारियों और ज्वैलर्स ने अपनी दुकान का शटर बंद कर दिया, वैसे भी उनका बुलियन स्टॉक खत्म हो चुका था.
लिहाजा सवाल यही है कि जब बुलियन कारोबारी और ज्वैलर्स अपना शटर गिरा चुके थे, कारोबार ठप हो गया था तो उन्होंने इस महीने के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में सोना क्यों इंपोर्ट किया? सूत्रों का दावा है कि इस 66 टन इंपोर्ट हुए सोने का लगभग 10-15 फीसदी वास्तविक खरीदारों के पास गया और बाकी का सोना देश में कालेधन से खरीदा गया. लिहाजा अपेक्षा से अधिक खरीदा गया सोना देश में सिर्फ कालेधन को गोल्ड में कनवर्ट करने के लिए खरीदा गया.
दिल्ली में सबसे ज्यादा खरीदा गया सोना
केन्द्र सरकार इन इंपोर्ट के आंकड़ों की जांच कर रही है. नवंबर के दौरान कुल 20,000 करोड़ रुपये का सोना इंपोर्ट किया गया है(1 किलो सोना- 30 लाख रुपये). सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस 66 टन सोने में लगभग 25 टन सोना दिल्ली में बेचा गया है.
बाकी शहरो में-
15 टन अहमदाबाद
7.3 टन हैदराबाद
7 टन चेन्नई
6.2 टन बंगलूरू
2.5 टन कोलकाता, और
1.2 टन मुंबई
सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच कर रही टीम का मानना है कि यह पूरा कारोबार हवाला के जरिए किया गया है. उन्हें उम्मीद है कि बैंकों अकाउंट्स की जांच करने के बाद उन्हें अहम जानकारी मिल सकती है. दरअसल देश में सोने का कारोबार बैंकों के माध्यम से होता है. सरकार को शक है कि कई बैंक इस कारोबार में शामिल हो सकते हैं.