बिहार में 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव और फिर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में उठापटक मची है. एक तरफ जहां हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एनडीए का दामन छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत चार विधान पार्षद पार्टी का दामन छोड़कर जडीयू की शरण में पहुंच गए हैं.
इसी राजनीतिक उठापटक के बीच अब केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने भी पार्टी को झटका दे दिया है. बुधवार को साधु ने लोजपा से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद आरजेडी में शामिल हो गए.
माना जा रहा है कि रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु पार्टी में अपनी अनदेखी से काफी नाराज चल रहे थे. जिस तरीके से पार्टी की बागडोर अब रामविलास पासवान के सांसद पुत्र चिराग पासवान के हाथों में है, इससे दामाद नाखुश थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि पार्टी में उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही है.
आरजेडी में शामिल होते ही कुमार साधु के स्वर बदल गए और उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव भी सामाजिक न्याय के पुरोधा हैं और गरीब और वंचितों के सच्चे हितैषी. गौरतलब है कि अनिल कुमार साधु 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आए थे जब उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए लोजपा का टिकट मांगा था. लेकिन टिकट ना मिलने के बाद वह मीडिया में आकर फूट-फूट कर रोने लगे थे.